दोस्तो आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी महाशक्ति की जिनका नाम लेते ही हर सनातनी के दिल में श्रद्धा और भक्ति भाव अपने आप ही जागृत होता है। जो सनातन धर्म में अपना एक अद्भुत विशेष स्थान रखती है, जिन्हें महाकाल शिव की भी शक्ति कहते हैं, वह भगवती maa kali हैं, साथियों आज हम kali maa की पूजा विधि के बारे मे, और उससे पहले हम उनके भावों के बारे में और मां काली के स्वरूप के बारे में संक्षेप मे चर्चा करे
Maa Kali introduction, मां काली का परिचय
मित्रो सृष्टि के संचालन के लिए आदिशक्ति पराम्बा ने जो तीन महाशक्तियों का रूप धारण किया जिन्हें महाकाली, महालक्ष्मी तथा महासरस्वती के नाम से जाना गया।
सर्वप्रथम शुंभ निशुंभ नामक महादैत्यो से हो रहे युद्ध के दौरान ही उनके सेनापति रक्तबीज और चंड मुंड का वध करने के लिए ही मां काली प्रकट हुई थीं।
मां काली 10 महाविद्याओं में से एक महाविद्या है तथा दसों महाविद्याओं में सबसे पहली महाविद्या होने के कारण मां काली को ही प्रथमा, आद्या शक्ति कहा गया है।
मां काली का स्वरूप उग्र होते हुए भी ममतामई और अपने सदपुत्रो के लिए बहुत ही निर्मल और सुरक्षा भाव प्रदान करने वाला हैl
Maa Kali specifics, मां काली का महत्व एवं विशेषताएं -
मुख्य रूप से काली मां की पूजा सुरक्षा एवं किसी भी भय से मुक्ति पाने के लिए की जाती है परंतु मां काली सृष्टि में ऐसा क्या है जो वह नहीं दे सकती धन, सुख, सौभाग्य, आरोग्य, सुरक्षा जो कुछ भी आप चाहें वह काली मां के पूजा और साधना से प्राप्त हो सकता है, इसीलिए मां परांबिका किसी भी स्वरूप में भुक्ती- मुक्ति प्रदान करने वाली, यानी भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करने वाली कहा गया है।
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उनकी पूजा में भी अन्य पूजा साधनाओं की तरह भाव प्रमुख है, बिना भाव के कोई भी पूजा या साधना सफल नहीं होती, इस विषय पर हमने पहले भी एक लेख लिखा है (साधना और पूजा का फल क्युं नही मील रहा?) अगर आप चाहते हैं की आपको पूजा और साधना मे निश्चित सफलता मीले तो आपको हमारा वह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए।
Maa Kali sadhna, kali maa Puja Vidhi, मां काली साधना विधि एवं पूजा विधान -
मां काली की पूजा विशेष मुहूर्त में करने का विधान शास्त्रों ने बताया है जिनमें से कि वर्ष में आने वाले चार नवरात्रि माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन मास की नवरात्रि है तथा प्रत्येक माहीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी जन्माष्टमी, होली, दीवाली, हर महीने आने वाली शिवरात्रि यह कुछ प्रमुख तिथियाँ हैं जिनमे माँ काली की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
मां काली की पूजा एवं साधना करने की दो विधियां हैं उन में से एक वामाचार (तांत्रिक) पद्धति है और दूसरा दक्षिणाचार (वैदिक) वामाचार पद्ति केवल किसी काली मां के साधक द्वारा दीक्षित शिष्य ही कर सकते हैं, परन्तु दक्षिणाचार पद्ति द्वार कोई भी मनुष्य मां काली की साधना एवं पूजा कर सकता है। दक्षिणाचार में श्री सूक्तम के मंत्रों द्वारा काली मां की पूजा की जाति है। आप किसी भी दुकान से बाजार में उपलब्ध श्री सूक्त की किताब खरीदें और उनके सोलह मंत्र द्वारा मां काली की पूजा भक्ति भाव के साथ करें।
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Maa kali prayer, मां काली की स्तुति -
ध्यायेत काली महामाया त्रिनेत्रां बहुरूपिणीं ।
चतुर्भुजां ललजिह्वां पूर्णचंद्र निभाननां ।।
नीलोत्पलदलप्रख्यां शत्रुसंघवीदारिणीं ।
नरमुंडा तथा खड़गम कमलम च वरं तथा ।।
निर्भयाम रक्तवसना दंर्ष्टया घोर रूपिणीं ।
अट्टाटहासनिरतां सर्वदा च दिगंबराम ।।
शवासन स्थिताम मुंडमाला विभूषिताम।
काली माता के कुछ मंत्र इस प्रकार हैं -
- मां काली का एकाक्षरी मंत्र - क्रीं
- त्रयक्षरी मंत्र - क्रीं क्रीं क्रीं
- विद्यारागी महामंत्र - क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हुं हुं दक्षिणे कालीके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हुं हुं स्वाहा
Tips -
काली मां के किसी भी मंत्र का प्रयोग किसी योग्य विद्वान या गुरु द्वारा जानकर और समझ कर ही करना चाहिए क्योंकि यह मंत्र बहुत शक्तिशाली है और इनके प्रयोग और जप कि एक अपनी विधि होती है जिसे पूरा करने के बाद ही इन मंत्रों का जप होता है पूजा के मंत्र और विस्तृत विधि की जानकारीके लिए आप हमारे कमेंट सेक्शन में कमेंट या ईमेल के द्वारा हमसे संपर्क कर सकते हैं ।
🌹धन्यवाद🌹
FAQ -
- काली मां किसकी देवी है?
- काली माता किसकी बेटी है?
- काली माता को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?
Ans - अपने अंदर के बुराइयों को पूरी तरह से खत्म करके सिर्फ भक्ति भाव से माता की पूजा सेवा करना ही उनको प्रसन्न करने का सबसे बड़ा उपाय है।
- काली मां क्या करती है?
Ans - काली मां इस सृष्टि की और अपने सदभक्तों की बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं
जय मां
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