आज हम आपको Laxmi Puja की वह विधि बताने जा रहे हैं जो अब तक इंटरनेट पर किसी ने नहीं बताई। यह विधि हमारे वेदों में लक्ष्मी पूजा के लिए विशेष रूप से लिखी गई है।
लक्ष्मी पूजा की वैदिक विधि -
पूजा से पहले की विधियां, स्वयं को पूजा के लिए तैयार करें ।
- अक्षत (बिना टूटे हुए चावल), कुमकुम, रोली
- सिंदूर, चंदन, इत्र, हल्दी की कुछ गांठें
- धनिया, शहद, जल पात्र (तांबे या पीतल का)
- पान, सुपारी, लौंग, इलाइची, शुद्ध गाय का घी
- दूर्वा (दूब), लाल रंग के पुष्प, दो लाल वस्त्र
- रक्षा सूत्र, मौली, पांच पीली कौड़िया
- दूध, दही, घी, गुड, फल से बना पंचामृत
- दूध की बनी मिठाई, फल, कपूर, दो दीपक
सौभाग्य थैली -
एक पीले रंग की छोटी सी थैली बनाकर उसमें थोड़े से अक्षत, कुमकुम, रोली, पांच पीली कौड़ीयां, दूर्वा, सिंदूर, कुछ पैसे रख के मां लक्ष्मी के पास रखें। पूजा होने के बाद ये थैली अपनी तिजोरी में रख दें।
किसी भी पूजा से पहले विशेष तौर पर लक्ष्मी पूजा के पहले गणेश जी की पूजा की जाती है इसलिए हम यहां श्री गणेश जी की संक्षिप्त पूजा विधि दे रहे हैं जो ऊपर लिखे पूजन सामग्रियों से ही हो जाएगी -
सर्वप्रथम एक दीपक जला कर थोड़े से अक्षत जमीन पर रखकर दीपक उस पर रख दें और हाथ धो ले।
दीपक जलाते वक्त यह मंत्र पढ़ें-
दीपोज्योति परम ब्रह्म दीपो ज्योति जनार्दन दीपो हरतु मे पापं दीपज्योति नमोस्तुते।
Lakshmi puja के पहले श्री गणपति पूजन -
ॐ श्री गणेशाय नमः आचमनीयं जलम समर्पयामि
फिर से एक आचमनी जल चढ़ाएं।
ॐ श्री गणेशाय नमः स्नानियम जलम समर्पयामि
एक आचमनी शुद्ध जल चढ़ाएं।
ॐ श्री गणेशाय नमः स्नानांते आचमनीयं जलम समर्पयामि (एक आचमनी जल दें)
ॐश्री गणेशाय नमः पुष्पम समर्पयामि।
यह बोलकर गणेश जी को फूल चढ़ाएं।
ॐ श्री गणेशाय नमः नाना परिमल द्रव्यानी समर्पयामि।
यह बोलकर (चंदन रोली कुमकुम सिंदूर चढ़ाएं)
ॐ श्री गणेशाय नमः वस्त्राणि समर्पयामी।
यह बोलकर गणेश जी को वस्त्र चढ़ाएं।
ॐ श्री गणेशाय नमः धुप मार्घापयामी ।
धूप अगरबत्ती दिखाएं।
ॐ श्री गणेशाय नमः दीप दर्शयामी।
दीप दिखा कर हाथ धो लें।
ॐश्री गणेशाय नमः नैवेद्यम निवेदन ।
यह बोलकर फल मिठाई के ऊपर दूर्वा रखकर चढ़ाएं।
ॐश्री गणेशाय नमः नैवेद्यांते आचमनीयम जलम समर्पयामि।
(एक आचमनी जल चढ़ाएं)
ॐ श्री गणेशाय नमः अरार्तिक्यम समर्पयामि।
कपूर की आरती करें।
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Laxmi puja प्रारंभ -
सर्वप्रथम हाथ में अक्षत और पुष्प लेकर पुष्पांजलि
दें -
सरसीजनीलय सरोजहस्ते धवलतरांसुक गंधमाल्यशोभे भगवती हरीवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवन भूतिकरी प्रसिद्ध महय्म। विष्णु पत्नीं क्षमां देवी माधवी माधव प्रियां लक्ष्मी प्रिय सखीं भूमि नमामि च्युतवल्लभाम। मां महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी हरिप्रिये नमस्तुभ्यं दयानिधे।
यह बोलकर अक्षत पुष्प लक्ष्मी जी पर चढ़ा दें
हाथ में अक्षत पुष्प लेकर यह मंत्र बोले और अक्षत और पुष्प को लक्ष्मी जी पर चढ़ा दें -
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः आवाहयामी पूजयामी च।
हाथ में पुष्प लेकर यह मंत्र बोलते हुए लक्ष्मी जी को चढ़ा दें-
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः आसनं समर्पयामी
यह मंत्र बोलकर एक आचमनी जल लक्ष्मी जी के चरणों पर चढ़ाएं-
ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम्।
श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः पाद्यो पाद्यं समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर एक आचमनी जल चढ़ाएं-
ॐ कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम्। पद्मे स्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्।
ॐमहालक्ष्म्यै नमः अर्घयम समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर एक आचमनी जल चढ़ाएं-
ॐ चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम्। तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे । ॐमहालक्ष्म्यै नमः आचमनीयं जलं समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर एक आचमनी जल चढ़ाएं-
ॐ आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः। तस्य फलानि तपसानुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः। ॐमहालक्ष्म्यै नमः स्नानियं जलम समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर एक आचमनी पंचामृत से स्नान करवाएं -
ॐ पंचनद्यह सर्वशतिमपि सस्स्त्रोतशह सरस्वती तू पंचधाह शो देशेअभवत्सरित। ॐमहालक्ष्म्यै नमः पंचामृत स्नानं समर्पयामि।
यह मंत्र बोलकर एक आचमनी जल दे-
ॐ शुद्धवालह सर्वशुध्दवालो मणिवालस्त अश्विना
श्येतह श्येताक्षो रुद्राय पशुपतये करणा
यामावलीप्ता नभोरूपा पार्जन्याह।
ॐमहालक्ष्म्यै नमः शुद्धोदक स्नानं समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर लक्ष्मी जी को वस्त्र चढ़ाएं -
ॐ उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह।
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन् कीर्तिमृद्धिं ददातु मे।
यह मंत्र बोलकर रक्षा मौली चढ़ाएं-
यह मंत्र बोलकर रोली कुमकुम चंदन इत्र इत्यादि चढ़ाएं-
ॐ गंधद्वारां दूराधर्शां नित्यपुस्टां करिसिनिं
ईश्वरी सर्व भूतानां तामीहोप हव्ये श्रीयं।
ॐमहालक्ष्म्यै नमः नाना परिमल द्रव्यानी समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर हल्दी चढ़ाएं -
हरिद्रारंजीते देवी सुख सौभाग्यदायिनी
तस्मात् त्वां पुजयाम्यत्र सुखम शांति प्रयक्ष मे।
ॐमहालक्ष्म्यै नमः हरिद्रां समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर सिंदूर चढ़ाएं -
ॐ सिंधोरिव प्राध्वने सुघनाशो पतयन्ति यह्वा
घृतस्य धारा अरुषो न वाजीकाष्ठा भिन्दनुर्मिभिह पिन्वमानह।
ॐमहालक्ष्म्यै नमः सिंदुरम समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर पुष्प चढ़ाएं -
ॐ क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम्।
अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद मे गृहात्।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः पुष्पानी समर्पयामी।
यह मंत्र बोलकर धूप अगरबत्ती दिखाएं -
ॐ गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम्।
ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोपह्वये श्रियम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः धुप मार्घापयामी।
यह मंत्र बोलकर दीप दिखाएं -
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि।
पशूनां रूपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दीप दर्शयामी।
यह मंत्र बोलकर भोग लगाएं -
ॐ कर्दमेन प्रजाभूता मयि सम्भव कर्दम।
श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम्।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः नैवेद्य निवेदयामी।
यह मंत्र बोलकर एक आचमनी जल चढ़ाएं -
ॐ आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे।
नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः नैवेद्यांते आचमनीयं जलं समर्पयामी।
माता को पान का बीड़ा समर्पित करें -
पुगीफलं महद्द्व्यिं नागवल्लीदलैर्युतं ।
एलालवंगसंयुक्तं तांबुलं प्रतिगृह्यताम॥
ॐ दुं दुर्गाय नमः मुखवासार्थे तांबुलम समर्पयामि।
यह मंत्र बोलते कपूर की आरती करें -
कदलीगर्भ शंभूतम करपुरम तु प्रदीपीतम अरार्तिक्यम अहम कुर्वे पश्य मा वर दो भव।
ॐमहालक्ष्म्यै नमःअरार्तिक्यम समर्पयामी।
अब घी की आरती करें -
(आरती का लिंक नीचे दिया गया है कृपया इसे खोलें) -
🌹जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता🌹
यह मंत्र बोलकर क्षमा याचना करें -
मंत्र हीनं क्रिया हीनं भक्ति हीनं सुरेश्वरी यत पूजीतं माया देवी परिपूर्णम तदस्तु मे। यद अक्षर पद भ्रष्टं मात्राहीनम च यद भवेत् तत् सर्वं क्षमय्तां देवी परिपूर्णम तदस्तु मे।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः क्षमायाचनां समर्पयामी।
Conclusion -
हमारा यह लेख लिखने का उद्देश्य बस इतना ही है कि हमारे सनातन धर्म की वैदिक शास्त्रीय विधि से आप विधिवत श्री गणेश और महालक्ष्मी जी की पूजा करें तथा मां महालक्ष्मी के कृपापात्र बने।
🌹धन्यवाद🌹